दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. के.पी.सिंह द्वारा संपादोत संग्रहित और लिखित इस किताब में दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री मोदी के आगमन और १०० वर्षों के इतिहास की कहानी है. किताब के लेखक के.पी सिंह ने इस किताब को स्मारिका रुपी रखते हुए इसे ऐतिहासिक जानकारी से लबालब रखा है. किताब दिल्ली विश्वविद्यालय के विकास यात्रा के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने पर प्रतिक्रियाओ का पुंज रूप में हमारे सामने खुलता है.
इसमें मोदी के आगमन के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद उनके लिए जिन भावनाओ को व्यक्त किया था उसे उनके सोशल मीडिया अकॉउंट से लेकर उनको बिना किसी फेरबदल के हूबहू रखा गया है. किसी भी किताब की विश्ववसनीयता उसमे उपयोग की गयी प्राथमिक स्रोतों से होती है. इस मायने में ये किताब अव्वल है. जनभावनाओं को संगृहीत करने का काम इस तरह से पहले शायद ही किया गया हो.
इस किताब की भूमिका दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.योगेश सिंह ने लिखी है. किताब के लेखक ने इसे पाठको के लिहाज से उपयोगी बताते हुए कहा कि लोग जल्दी चीजों को बिसरा देते हैं. खासकर भारतीय समाज तुरंत भूल जाता है. ऐसे में मेरा प्रयास यह रहा कि क्यों न लोगो की तात्कालिक प्रतिक्रियाओं को दस्तावेजीकरण कर दिया जाए जिससे इतिहास के साथ स्मृतियाँ भी संरक्षित हो जाये तो मैंने ये काम शुरू किया और हो भी गया और आज महत्वपूर्ण समय में ये किताब आ रही है.उम्मीद है लोग इसे अपना भरपूर प्यार देंगे.